1. तकनीकी रूप से, चॅक एक परक्राम्य लिखत 2. बैंककारी विधि एवं परक्राम्य लिखत अधिनियम- 3. [पाठ्यक्रम] लॉ वाणिज्यिक सिद्धांतों के परक्राम्य लिखत कानून कानून सिविल सिद्धांतों की 4. * यदि जून के अंतिम कार्य दिवस को परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 (1881 का 5. जमा प्रमाणपत्र 1888 से बाजार में सबसे पहला नया परक्राम्य लिखत के रूप में चिह्नित हुआ. 6. जहॉं तक आरोपी / अपीलार्थी के अधिवक्ता का तर्क है, कि-उन्हें धारा-28 परक्राम्य लिखत अधिनियम-1881के अंतर्गत दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। 7. उसके परिणामस्वरूप समाशोधन प्रणाली प्रचलन में आई जिसमें कोई चेक, ड्राफ़्ट अथवा परक्राम्य लिखत बैंकिंग क्रियाविधि के माध्यम से प्रस्तुत किए जाने लगे। 8. धारा-28 परक्राम्य लिखत अधिनियम का कोई लाभ उसे प्राप्त नहीं होता है और अपने तर्क के संबंध में विभिन्न सम्माननीय न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किये हैं। 9. फिर भी, संयुक्त रूप से खाताधारकों को देय चेक / परक्राम्य लिखत धारक / कों के व्यक्तिगत खाते में जमा नहीं किया जा सकता है । 10. तथापि, अधिकांशतः आम उपयोग अनुच्छेद 3 के अधिक हाल के संस्करणों के समनुरूप हैं, जहां चॅक का तात्पर्य इन परक्राम्य लिखत में कोई या सभी से है.